Friday, May 29, 2020

वक़्त बड़ा फ़रामोश है, ये आखरी इश्तहार पढ़ लेना।

लिखूँगा जितने लफ्ज़ साथ देँगे, बाकी बचा तुम समझ लेना,
वक़्त बड़ा फ़रामोश है, ये आखरी इश्तहार पढ़ लेना।

कहने को बोहोत कुछ है, सुन पाओ उतना सुन लेना,
बाकी फिर कभी बातें करने मेरी क़ब्र पे आया करना।

अल्लाह जगह कहाँ देगा वो मालूम वहीँ जाके करना पड़ेगा,
जन्नत में रखे उतने अच्छे नहीं, पर जहन्नम के बुरे लोग से हम कहाँ।

छोड़ू मैं साँसे तब शायद अलविदा न कह सकू,
वक़्त बड़ा फ़रामोश है, ये आखरी इश्तहार पढ़ लेना।

गरीबों से भरा बड़ा शानदार रखना हमारा जनाज़ा,
जीतेजी उनके लिए हम न कर सकें वो हमारे नाम पे तुम कर जाना।

बेहूदी बेरुख़ी हुई है हमे हमशे, जीतेजी मरने से मारना अच्छा होगा,
किताबो और सोसिअल मीडिया में दबी कविताएं लोगो तक पोहोचा देना।

अम्मी-अब्बा और उन सबका जो हमसे बदमाश नही ख़याल रखना जाना,
वक़्त बड़ा फ़रामोश है, ये आखरी इश्तहार पढ़ लेना।

इस सँसार में इन्सान से रहने को काबिल नहीँ हम,
तुम्हे जानवर कुत्ते से मिले कभी तो फिर अपना लेना।

सब छोड़ कभी बिना कहे चले जाए तो मत रोना,
अपने आँसू किसी अच्छे इन्सान के लिए बचा के रखना।

कृष्ण से ही तो सिख है कि लड़ न पाओ तो भाग जाना,
वक़्त बड़ा फ़रामोश है, ये आखरी इश्तहार पढ़ लेना।

- अभिजीत मेहता
Books authored by Mr. Abhijeet Mehta











Friday, May 22, 2020

सब याद रखा जाएगा

ये जो नांपी है सड़कें अपने हाथों से बनाई,
अपने ही पैरो से वो याद रखा जाएगा,
सब याद रखा जाएगा।

ये जो कुचले गए है पटरियो पे,
जहां मजदूरी किया करते थे,
वो याद रखा जाएगा,
सब याद रखा जाएगा।

कभी आपके लिए बत्तीस पकवान बनाए,
वो पेट आज बूखा है,
वो याद रखा जाएगा,
सब याद रखा जाएगा।

अब स्मृति से शस्त्रो को तैयार किया जाएगा,
जिसकी बुनियाद सिर से टपकता पानी और,
पैरों के लहू होंगे,
अब याद रख के बदला लिया जाएगा,
हर चीज़ का हिसाब लिया जाएगा।

जिस किसान को सीधा मुनाफा दिखा,
हररोज़ सपने दिखाए जाते है,
उस किसान के हल से तेरा ज़मीर खितौरा जाएगा,
हर चीज का हिसाब लिया जाएगा।

पहले हमारे कंधों पे वोट मांगते,
अब हमारे ही कंधों को सहारा न दिया,
इस कंधे पे बंदूक रख बदला लिया जाएगा,
हर चीज़ का हिसाब लिया जाएगा।

कागज़ से कलमों तक जो सीमित थे,
उन विद्यार्थियों को जो जेल भेजा,
उसी जेल के सलियों से हथियार बनाए जाएंगे,
हर चीज़ का हिसाब लिया जाएगा,
अब याद रख के, हिसाब लिया जाएगा,
हिसाब लिया जाएगा।

- अभिजीत मेहता

लाल सलाम
Books authored by Mr. Abhijeet Mehta











Friday, May 15, 2020

ગળે ફાંસો ખાઈ લે જે

હવે બાવળ ના ઠુઠા તું કાપી લે,
સરકાર એ તારી ચિતા તૈયાર રાખી છે,
અમીરો ને ઘર માં રાખી,
મજૂરો ને લાત મારી છે.

વિદેશ થી હૂંડિયામણ આવે છે,
લાકડું તારા માટે મોંઘુ છે,
મિત્રો ની કંપની માં રોજ નિવેશ આવે છે,
'ને તારે ભૂખ્યાં પેટ લાંબી સફર ખેડવાની છે.

આ પ્રાઇવેટ કંપની નોકરી નહીં,
ભણેલા મજૂરો પાસે મજૂરી કરાવે છે,
ભણતર તો તું ક્યાં લેવા જવાનો?
સરકારી નિશાળ ના નળીયા ફૂટેલ છે.

ઇ ગાડી માં ફરી હેલિકોપટર થી ફૂલ વરસાવે છે,
તું છાનોમુનો ઝાડ નીચે રહી લે જે,
હવે કોરોના નું ફંડ આવી ગયું છે,
એને આવતી ચૂંટણી માં મત સામે માંગી લે જે.

કરોડો ની હોળી થાય તો હું કહું એમાં જ બળી જજે,
છોકરા ને બાવળ ના ઠુઠા ની કમાણી આપી દે જે.
સરકાર સરકાર ના કર તું,
હવે વડવાઈ વીંટાળી ગળે ફાંસો ખાઈ લે જે.

- અભિજીત મેહતા
Books authored by Mr. Abhijeet Mehta











Saturday, May 9, 2020

Hindu Rituals and Science behind it


Originally posted on: https://brijeshbmehta.wordpress.com/2015/03/31/hindu-rituals-and-science-behind-it/






Saturday, May 2, 2020

हमारे इश्क़ की दास्तान

न चाँद तारे की बाते थी,
न ऊँची उड़ानों के ख्वाब।

न कोई बड़े वादे थे,
न कोई तारीफ़ों से भरे ख़त।

न बुरी आदतों से अनजान थे,
न अच्छी आदतों की तारीफ़।

कुछ लफ़्ज़ों से ख़ामोशी मिली,
बस इतनी सी है हमारे इश्क़ की दास्तान।

- अभिजीत महेता
Books authored by Mr. Abhijeet Mehta